बात पते की याद ये रखना अब पशुता इंसान दिखलायेंगे। बात पते की याद ये रखना अब पशुता इंसान दिखलायेंगे।
महबूब से मुलाकात पर अब अज़ल नहीं लिखते। महबूब से मुलाकात पर अब अज़ल नहीं लिखते।
अर्सों बाद इक बात आयी है ज़ेहन में ज़रा पास आना कुछ बात करनी है। अर्सों बाद इक बात आयी है ज़ेहन में ज़रा पास आना कुछ बात करनी है।
"घ" से वो "घनघोर" "घटाऐं" जो आसमान में छाती है "घिर" आती जब आसमान में "घना" अँधेरा लाती है "घोर" बरख... "घ" से वो "घनघोर" "घटाऐं" जो आसमान में छाती है "घिर" आती जब आसमान में "घना" अँधे...
ये इश्क़ है जनाब इसे हम और आप कब समझा पायें हैं। ये इश्क़ है जनाब इसे हम और आप कब समझा पायें हैं।
प्यार अब भी करते हैं तुमसे यह ये बात तुम्हें बतानी है! प्यार अब भी करते हैं तुमसे यह ये बात तुम्हें बतानी है!